पहले चरण में ये योजना यूपी के 16 जिलों में लागू होगी लागू
योगी सरकार ने किसानो की समस्या को देखते हुए प्रदेश के लघु और सीमांत किसानों को राहत देने के लिए ट्रैक्टरों से मुफ्त में खेतों की जुताई और बुवाई कराने का फैसला लिया है ।
कोरोना संकट के चलते उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सूबे के किसानों के हित में बड़ा कदम उठाया है। पहले चरण में ये योजना यूपी के लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर समेत 16 जिलों में लागू की जा रही है. लॉकडाउन की वजह से किसानों को दो महीने ही मुफ्त में जुताई और बुवाई की सुविधा मिलेगी.।
यह मौसम खेत से गेहूं और तिलहन जैसी फसलों की कटाई है. कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते किसान भी अपने घरों से निकल नहीं रहे हैं, जिसके चलते किसान खेतों की फसल की कटाई और बुआई की तैयारी नहीं कर पा रहे हैं. इस तरह से किसानों को दोहरी मार का सामना करना पड़ा रहा है. ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 34 सौ करोड़ रुपये की किस्त उत्तर प्रदेश के 1 करोड़ 70 लाख किसानों के बैंक खातों में भेज दी है.।
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही के मुताबिक प्रदेश के छोटे किसानों की लागत कम करने के लिए निजी कंपनियों की मदद ली जा रही है. कृषि मंत्री ने ट्वीट कर कहा है कि मैसी टैफे कंपनी के सहयोग से लघु व सीमांत किसानों को आगामी दो माह तक फसल कटाई, खेतों की जुताई व बुवाई मुफ्त में प्रदान की जाएगी. यह सुविधा अगले 2 महीने के लिए होगी जो छोटे किसानों के लिए कटाई और बुवाई का मौसम होगा और जिसका खर्च सरकार उठाना चाहती है.
प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के खेतों की जुताई-बुआई मुफ्त कराने के लिए प्रथम चरण में जिन 16 जिलों का चयन किया गया है. इनमें लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, सुलतानपुर, अयोध्या, सीतापुर, अंबेडकरनगर, प्रयागराज, आजमगढ़, बाराबंकी, हरदोई, जौनपुर, गाजीपुर, प्रतापगढ़, संतकबीरनगर व भदोही शामिल हैं. इन जिलों के पात्र किसान अपने क्षेत्र के कृषि अधिकारियों से मिलकर योजना का लाभ उठा सकते हैं. वहीं, दूसरे चरण में बहराइच, बलरामपुर, देवरिया, कुशीनगर, श्रावस्ती, चंदौली, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, मेरठ, चित्रकूट व बस्ती जिलों के छोटे किसानों को सुविधा उपलब्ध कराने की योजना है.।
राज्य सरकार ने लॉकडाउन के बीच किसानों की तिलहन और दलहन की फसल की उपज का उचित मूल्य दिलाने का भी आश्वासन दिया है. इसके तहत सरसों, चना और मसूर की सरकारी खरीद भी कराई जाएगी. इसका सरकार ने न्यूनतम मूल्य भी निर्धारित कर दिया है. कोरोना के चलते किसान अपनी उपज को बेचने के लिए बाजार तक नहीं ले जा पा रहा है, जिसके चलते सरकार ने खरीदारी करने का निर्णय लिया है.।