लाक डाउन के दौरान किसानों की समस्या को देखते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार ने गेहूं खरीद प्रक्रिया को आसान करने के लिए मौके पर ही क्रय केंद्र प्रभारी द्वारा पंजीकरण किया जा सकेगा। हालांकि आनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया आरंभ करने के निर्देश दिए जा चुके है।
योगी सरकार 15 अप्रैल से गेहूं खरीद की शुरुआत करने जा रही है सरकार ने इस वर्ष 55 लाख मैट्रिक टन गेहूं खरीद कर रखा है यह फैसला मुख्यमंत्री ने अपनी टीम 11 के साथ हुई एक बैठक में लिए मुख्यमंत्री ने एक ओर जहां किसानों को हार्वेस्टिंग और अपनी फसल बेचने के लिए उपयुक्त प्लेटफार्म उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है तो वहीं फसल की कीमत किसी भी सूरत में न्यूनतम खरीद मूल्य से कम ना हो इसका भी ध्यान रखा है।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन हो इसके लिए फसल खरीदने वाले कृषक उत्पाद संगठनों को भी प्रोत्साहित किये जाने का निर्देश दिया और 15 अप्रैल से यूपी में गेंहू खरीद का शुभारंभ भी कर दिये जाने का ऐलान कर दिया.।
5500 खरीद केंद्रों के जरिये होगी खरीद
15 अप्रैल से 5500 खरीद केंद्रों के जरिये न्यूनतम समर्थन मूल्य 1925 रुपए प्रति कुंतल पर गेहूं खरीद की जायेगी. प्रदेश में गेहूं खरीद का लक्ष्य 55 लाख मीट्रिक टन रखा गया है. क्रय केन्द्रों पर भीड़ को रोकने के लिये आँनलाईन टोकन की व्यवस्था की गयी है।गेहूं बिक्री के इच्छुक किसानों को पहले केन्द्र प्रभारी को अपना कृषक पंजीकरण नंबर बताना होगा।
प्रमुख सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी के मुताबिक ‘क्रय केन्द्र प्रभारियों का जनपदवार विवरण खाद्य विभाग के पोर्टल पर ‘खरीद सारांश’ के लिंक पर ‘गेहूं क्रय केन्द्रों का विवरण’ पर उपलब्ध है। ऐसे में जो किसान पहले से पंजीकृत नही है। उनका किसान क्रय केन्द्र प्रभारी के द्वारा मौके पर ही आधार कार्ड, फोटो पहचान पत्र, बैंक पासबुक तथा खतौनी की प्रति के आधार पर पंजीकरण कर दिया जायेगा. इस दौरान कोरोना के खतरे को देखते हुए सभी क्रय केन्द्रों पर कार्य करने वाले हर एक को न सिर्फ सोशल डिस्टेसिंग का अनुपालन करते हुये चेहरे को मास्क से ढकने का निर्देश दिया गया है। बल्कि क्रय केन्द्रों पर हैण्ड सेनेटाइजर, साबुन-पानी इत्यादि की व्यवस्था भी की गई है।