बाराबंकी।जनपद बाराबंकी में आंगनबाड़ी, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं आंगनबाड़ी सहायिका के रिक्त पदों पर चयन हेतु वेबसाइट http://balvikasup. gov.in पर ऑनलाइन आमंत्रितआवेदन पत्रो के विषय में जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि सर्वप्रथम अपेक्षित अहर्ता रखने वाली ग्रामीण क्षेत्रों में उसी ग्राम सभा तथा शहरी क्षेत्रों में उसी वार्ड में स्थित केंद्र की संबंधित आरक्षित वर्ग की सहायिका जिसकी न्यूनतम अर्हकारी सेवा 5 वर्ष की पूरी हो चुकी हो तथा हाईस्कूल उत्तीर्ण हो एवं उसकी आयु 50 वर्ष से अधिक न हो को सर्वोच्च प्राथमिकता है, तदोपरांत उसी ग्रामसभा /वार्ड (शहरी क्षेत्र) की निवासी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली विधवा महिला उक्त दोनों के न होने पर उसी ग्राम सभा/ वार्ड (शहरी क्षेत्रों में) की निवासी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली तलाकशुदा /परित्यक्ता महिला तथा उपरोक्त तीनों के न होने पर उसी ग्राम सभा /वार्ड (शहरी क्षेत्रों में) की निवासी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली महिला के उपलब्ध न होने की दशा में गरीबी रेखा के ऊपर जीवन यापन करने वाली महिलाओं के चयन किए जाने पर विचार किया जाएगा। जिसके अंतर्गत डैशबोर्ड अनुसार 11885 ऑनलाइन आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। चयन समिति के निर्णय दिनांक 24 अगस्त 2021 के क्रम में जिन आवेदिका द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया गया है, वह ऑनलाइन किए गए आवेदन पत्र की प्रति तथा आवेदन पत्र में उल्लेखित समस्त प्रमाण पत्रों की स्वप्रमाणित प्रतियों के साथ एक सेट विकास भवन बाराबंकी में प्रथम मंजिल पर स्थित सभागार में दिनांक 26 अगस्त 2021 से 2 सितंबर 2021 तक प्रातः 10:00 से शाम 5:00 बजे तक (अवकाश के दिनों को छोड़ कर) जमा करें तथा प्राप्ति रसीद प्राप्त करें। यदि किसी आवेदिका द्वारा आनलाइन आवेदन किया गया है परंतु आवेदन पत्र तथा उल्लेखित प्रमाण पत्रों का 1 सेट कार्यालय में जमा नहीं किया गया है तो ऐसे आवेदन पत्रों को अमान्य /निरस्त की श्रेणी में रखा जाएगा। इसी प्रकार यदि किसी आवेदिका द्वारा आवेदन पत्र के साथ प्रमाण पत्र प्रेषित किए गए परंतु ऑनलाइन आवेदन में उन प्रमाण पत्रों का उल्लेख नही है तो ऐसे भी प्रमाण पत्र अमान्य होंगे। सिर्फ उन्हीं आवेदिकाओ जिनके द्वारा पोर्टल पर आवेदन किया गया है कि आवेदन पत्र एवं प्रमाण पत्र स्वीकार किए जाएंगे।
पाॅंच वर्ष सेवा देने वाली सहायिका को मिलेगी सर्वोच्च प्राथमिकता